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जाने कौरवो एवम पांडवो के नाम | Name Of Kaurava And Pandava full story In Hindi

जाने कौरवो एवम पांडवो के नाम | Name Of Kaurava And Pandava full story In Hindi

महाभारत की कथा में सौ कौरव और पाँच पांडव थे वास्तव में 102 कौरव थे जिसमे एक बहन और एक दासी पुत्र था एवम पांडवो का भी एक और भाई था जिसका नाम कर्ण था |

कौरवो के पूर्वज राजा शान्तनु थे जिनका पहला विवाह गंगा से हुआ था जिनकी संतान देवव्रत थी जिन्हें भीष्म के नाम से जाना जाता हैं | शांतनु की दूसरी रानी मत्स्य राज्य की पुत्री सत्यवती थी जिनकी महत्वकांक्षा के कारण देवव्रत को प्रतिज्ञा लेनी पड़ी जिसमे उन्होंने अपनी सौतेली माँ को वचन दिया कि वह आजीवन अविवाहित रहेंगे एवम राज्य के सिंहासन की रक्षा करेंगे पर कभी राजा नहीं बनेगे | इस प्रतिज्ञा के कारण देवव्रत का नाम भीष्म पड़ा और उन्हें पिता शान्तनु ने इच्छा मृत्यु का वरदान दिया जिसके तहत उन्हें यह स्वीकार करना पड़ा कि वे जब तक प्राण त्याग नहीं सकते जब तक कि हस्तिनापुर की राज गद्दी पर धर्म का राज न हो | अतः भीष्म ने आजीवन हस्तिनापुर की राज गद्दी की रक्षा की |

सत्यवती का एक पुत्र था विचित्रवीर्य जिनकी अम्बे एवम अम्बालिका से हुई जिन्हें भीष्म स्वयंबर से उठाकर लाये थे | इनके दो पुत्र थे धृतराष्ट्र एवम पांडू | धृतराष्ट्र के पुत्र थे कौरव एवम पांडू के पुत्र थे पांडव |

धृतराष्ट्र की पत्नी थी गांधारी जिनसे उन्हें एक सो दो सन्तान थी और एक संतान दासी की थी | पांडू की दो पत्नियाँ थी एक कुंती एवम एक माद्री | कुंती के तीन पुत्र थे एवम माद्री के दो |

पांडवो के नाम

क्र.पांडवो के नाम
1युधिष्ठिर
2भीम
3अर्जुन
4सहदेव
5नकुल

Name Of Kaurava In Hindi

कौरवों के नाम

क्र.एक सो दो कौरवो के नाम
 1दुर्योधन
 2दुःशासन
 3जलसंघ
अनुविंद
दुःसह
सम
विकर्ण
दुःशल
दुर्धर्ष
10 सुबाहु
11 चित्र
12 सह
13 दुषप्रधर्षण
14 सुलोचन
15 विंद
16 सत्वान
17 दुर्मुख
18 दुष्कर्ण
19 उपचित्र
20 चित्राक्ष
21 चारुचित्र
22 शल
23 दुर्मर्षण
24 सुनाभ
25 दुर्मद
26 शरासन
27  चित्रकुण्डल
28 ऊर्णनाभ
29 दुर्विगाह
30 विकटानन्द
31 उपनन्द
32 नन्द
33 विवित्सु
34 चित्रकुण्डल
35 चित्रांग
36 चित्रवर्मा
37 महाबाहु
38 दुर्विमोचन
39 अयोबाहु
40 भीमबल
41 सुवर्मा
42 भीमवेग
43 निषंगी
44 चित्रबाण
45 सुषेण
46 कुण्डधर
47 पाशी
48 महोदर
49 सद्सुवाक
50 बलवर्धन
51 उग्रायुध
52 सत्यसंघ
53 जरासंघ
54 चित्रायुध
55 सोमकीर्ति
56 बालाकि
57 अनूदर
58 वृन्दारक
59 विरज
60 उग्रश्रवा
61 सुहस्त
62 दृढ़हस्त
63 दुराधर
64 दृढ़क्षत्र
65 दढ़संघ
66 विशालाक्ष
67 दृढ़वर्मा
68 कुण्डशायी
69 अपराजित
70 उग्रसेन
71 सेनानी
72वातवेग
73 दीर्घरोमा
74 भीमविक्र
75 कुण्डी
76 उग्रशायी
77 क्रथन
78 कवचि
79 दुष्पराजय
80 विरवि
81 बह्वाशी
82 सुवर्च
83 नागदत्त
84 कनकध्वज
85 आदित्यकेतु
86 धनुर्धर
87 सुजात
88 कुण्डभेदी
89 अनाधृष्य
90 अलोलुप
91 दृढ़रथाश्रय
92 प्रधम
93 युयुत्सु
94 वीरबाहु
95 दीर्घबाहु
96 अभय
97 दृढ़कर्मा
98 कुण्डाशी
99 अमाप्रमाथि
100 सुवीर्यवान
101 दुह्शाला (बहन)
102 सुखदा (दासी पुत्र)

महाभारत से जुडी कई कहानियाँ हैं जिन्हें पढ़कर आप अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं | यह एक बहुत बड़ा ग्रन्थ हैं जिसने कलयुग की रचना की हैं | महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित इस महाभारत में धर्म एवम अधर्म की लड़ाई के बीच कलयुग का जन्म बताया हैं | कहते हैं अभी तो कलयुग के केवल पाँच हजार साल ही बीते हैं कई लाखो वर्ष बीतना बाकी हैं 

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