Chandrayaan 3 Landing: भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने इतिहास रचते हुए चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की है|

Chandrayaan-3 Moon Landing: चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ‘विक्रम’ की बुधवार (23 अगस्त) को चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग हो गई है. इसके साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया है. इस उपलब्धि के बाद से ही पूरे देश में खुशी की लहर है.
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1. Chandrayaan 3: चांद के दक्षिणी ध्रुव पर भारत…आखिरी कुछ पलों में यूं थम गई थी सांसे, चंद्रयान-3 के लैंडर से बाहर आया प्रज्ञान रोवर

Chandrayaan 3 Landing on Moon: भारत चांद पर है… इसरो प्रमुख एस सोमनाथ के ये शब्द सुनकर कोई भावुक हो गया तो खुशी से झूमने लगा. पूरे देश में ढोल नगाड़े बजने लगे, लोग जश्न में डूब गए. ये नजारा बुधवार की शाम 6:04 बजे था जब देशभर के मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों में मांगी जा रही दुआओं के बीच भारत ने चांद के साउथ पोल पर पहुंच इतिहास रचा. चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने सफलतापूर्वक चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की.
A. इस मिशन की सफलता के साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश और चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया. लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से लैस लैंडर मॉड्यूल की लैंडिंग के बाद इसरो ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की पहली शानदार तस्वीर भी जारी की. लैंडर और इसरो के मिशन संचालन परिसर (एमओएक्स) के बीच संचार लिंक स्थापित हो गया है. लैंडर से प्रज्ञान रोवर भी बाहर निकलकर चहलकदमी करने लगा है.
B. चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की लैंडिंग का लाइव टेलीकास्ट किया गया. जिसमें दक्षिण अफ्रीका से पीएम मोदी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े. लैंडिंग प्रक्रिया के आखिरी के कुछ मिनट सांसे थामने वाले थे. चंद्रयान-3 जैसे ही चंद्रमा की सतह के करीब पहुंचा तब समूचे देश ने अपनी सांस रोक ली. खेल का मैदान हो या घर या दफ्तर, 140 करोड़ की आबादी वाले इस देश में कुछ पलों के लिए एक अजीब सा सन्नाटा था. तभी इसरो के कमांड सेंटर से तालियों की आवाज आई जिसका मतलब था कि हम कामयाब हो गए हैं, और देश भर के लोग खुशी के मारे उछल पड़े.
C. विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग के बाद इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता ने हमें भविष्य में और अधिक चुनौतीपूर्ण अभियानों को पूरा करने का आत्मविश्वास प्रदान किया है. सोमनाथ ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि हमने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता हसिल कर ली है. भारत चांद पर है. चंद्रयान-3 का मकसद चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक परीक्षण करना है. वहां मौजूद पानी और अन्य खनिज पदार्थों के बारे में पता लगाना है.
D. इसरो के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने पृथ्वी पर प्रण लिया और चंद्रमा पर जाकर उसे पूरा किया. पीएम मोदी ने कहा कि ये सदैव गर्व किया जाने वाला क्षण है. उन्होंने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचा है जहां अबतक कोई देश नहीं पहुंचा है. भारत अब चंद्रमा पर है और अब चंद्रपथ पर टहलने का समय है.
E. पीएम मोदी ने कहा कि कभी कहा जाता था चंदा मामा बहुत दूर के हैं, अब एक दिन वो भी आएगा जब बच्चे कहा करेंगे चंदा मामा बस एक टूर के हैं. चंद्रयान-3 की सफलता के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो प्रमुख एस सोमनाथ को फोन कर बधाई भी दी.
F. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इसरो और मिशन में शामिल सभी लोगों को बुधवार को बधाई दी. राष्ट्रपति ने कहा कि चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग एक अविस्मरणीय अवसर है. ये एक ऐसी घटना है जो जीवनकाल में एक बार होती है. मैं इसरो, चंद्रयान-3 मिशन में शामिल सभी लोगों को बधाई देती हूं और उन्हें आगे और बड़ी उपलब्धियां हासिल करने की शुभकामनाएं देती हूं.
G. अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रयान मिशन की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बनने पर भारत को बधाई दी और इस उपलब्धि को अंतरिक्ष इतिहास में एक अतुल्य क्षण करार दिया. नासा प्रमुख बिल नेल्सन ने ट्वीट किया कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग के लिए इसरो को बधाई. चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान की सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बनने पर भारत को बधाई. हमें इस मिशन में आपका भागीदार बनकर खुशी हो रही है.
H. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के महानिदेशक जोसेफ एशबैकर ने ट्वीट कर लिखा कि अतुल्य, इसरो और भारत के सभी लोगों को बधाई. भारत ने नई तकनीकों का प्रदर्शन करते हुए किसी अन्य खगोलीय पिंड पर पहली सॉफ्ट लैंडिंग की. मैं पूरी तरह प्रभावित हूं. वहीं ब्रिटेन की अंतरिक्ष एजेंसी ने ट्वीट कर लिखा कि इतिहास बन गया, इसरो को बधाई.
I. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी भारत को बधाई दी. पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि चंद्रयान-3 पर सफल लैंडिंग के अवसर पर मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें. ये अंतरिक्ष अन्वेषण में एक बड़ा कदम है और निश्चित रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत द्वारा की गई प्रभावशाली प्रगति का प्रमाण है. कृपया नई उपलब्धियों के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नेतृत्व और कर्मचारियों को मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दें.
J. देश के लगभग सभी नेताओं ने इस उपलब्धि पर बधाई दी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि चंद्रयान-3 अभियान की सफलता, देश की सामूहिक सफलता है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि आज की शानदार उपलब्धि के लिए टीम इसरो को बधाई. ये हमारे वैज्ञानिक समुदाय की दशकों की जबरदस्त प्रतिभा और कड़ी मेहनत का परिणाम है. 1962 के बाद से भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम नई ऊंचाइयों को छू रहा है और सपने देखने वाली युवा पीढ़ियों को प्रेरित कर रहा है.||
2. ‘भारत के विज्ञान और टेक्नोलॉजी….’, चंद्रयान 3 की सफलता पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को भेजा मैसेज
Vladimir Putin On Chandrayaan 3 Land: चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने बुधवार (23 अगस्त) को बधाई देते हुए कहा कि ये बड़ी उपलब्धि है.
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ (Kremlin) ने बयान जारी कर बताया कि पुतिन ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने पर बधाई दी.
पुतिन ने कहा, ‘‘भारत के चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने पर मेरी बधाई स्वीकार करें. यह अंतरिक्ष के अन्वेषण में बड़ा कदम है. बेशक विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की प्रभावशाली प्रगति का प्रणाम है. इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के कर्मचारियों को बधाई.’’
बता दें कि रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमोस ने रविवार (20 अगस्त) को एक बयान में कहा कि अनियंत्रित कक्षा में प्रवेश करने के बाद लूना-25 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

3. Chandryaan-3: साइकिल पर पहला रॉकेट! कैसे चांद तक पहुंचा ISRO, पढ़ें पूरी कहानी
Chandryaan-3 Update: चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ‘विक्रम’ की बुधवार (23 अगस्त) को चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग हो गई है. इसके साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया है. चंद्रयान-3 की सफलता से पूरा देश गदगद हैं और देशभर में जश्न मनाया जा रहा है. वही, पूरी दुनिया नतमस्तक होकर हिंदुस्तान के इस कमाल को सलाम कर रही है.
आज भले ही भारत चांद पर पहुंच गया है, लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं रहा. यहां तक पहुंचने के लिए हिंदुस्तान के वैज्ञानिकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा.भारत ने आज से कई साल पहले चांद पर पहुंचने का ख्वाब देखा था.
एक वक्त था जब स्पेसक्राफ्ट की लॉन्चिंग के लिए इस्तेमाल होने वाला सामान बैलगाड़ी की मदद से पहुंचाया जाता था और आज चांद पर कदम रखकर हमने दुनिया को बता दिया है कि भारत किसी भी मामले में कम नहीं है.बता दें कि अंतरिक्ष में उड़ान भरने की दौड़ में भारत बहुत देर से शामिल हुआ था और उसने बेहद सीमित संसाधनों के साथ दौड़ना शुरू किया था.
स्पेस का सिकंदर बनने के होड़
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से ही रूस और अमेरिका स्पेस का सिकंदर बनने के लिए बेताब हो गए थे. दोनों देश एक दूसरे को पीछे छोड़ने के लिए पैसा पानी की तरह बहा रहे थे. सबसे पहले 1957 में रूस ने अंतरिक्ष में कदम रखा. इसके बाद अमेरिका भी रूस के पीछे-पीछे चांद पर पहंच गया.आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि 1969 में अमेरिका ने अपोलो-11 मिशन पर 2 लाख करोड़ खर्च किए थे.
वहीं, अगर बात करें भारत की स्पेस की दुनिया में हिंदुस्तान का सफर शुरू केरल के तट थुंबा से शुरू हुआ था. भारत ने 21 नवंबर 1963 को अपने पहले साउंडिंग रॉकेट को लॉन्च किया था. उस वक्त दुनिया के किसी देश ने कल्पना भी नहीं की थी कि भारत एक दिन अंतरिक्ष में ऐसी उड़ान भरेगा जो सबके लिए मिसाल बन जाएगी.
बिशप के घर को प्रयोगशाला बनाया
बता दें कि केरल का थुंबा मछुआरों का गांव था. यहां एक चर्च के आगे खाली जगह से रॉकेट लॉन्च किया गया था और चर्च के बिशप के घर को प्रयोगशाला बनाया गया था. इतना ही नहीं उस समय भारत ने स्पेस में विमान भेजने के लिए नासा से रॉकेट लिया था.
साइकिल से पहुंचे रॉकेट पार्ट्स
उस समय देश में ट्रांसपोर्टेशन के पर्याप्त साधन तक नहीं थे. जिसकी वजह से रॉकेट के हिस्से को साइकिल की मदद से लॉन्चिंग की जगह पर पहुंचाया गया था. केरल के थुंबा से पहला रॉकेट लॉन्च होने के 6 साल बाद 15 अगस्त 1969 को इसरो की स्थापना की गई थी.
1971 में श्रीहरिकोटा में स्पेस सेंटर बना
इसके बाद 1971 में श्रीहरिकोटा में स्पेस सेंटर बना था, जिसे आज सतीश धवन अंतरिक्ष सेंटर के नाम से जाना जाता है. अब यहीं से सभी सैटेलाइट्स को लॉन्च किया जाता है. 19 अप्रैल 1975 को इसरो ने अपना पहला सैटेलाइट आर्यभट्ट लॉन्च किया.
इसरो ने कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च किया
1977 में सैटेलाइट टेलीकम्युनिकेशन एक्सपेरिमेंट प्रोजेक्ट शुरु हुआ
जो टीवी को गांव-गांव तक लेकर गया. 18 जुलाई 1980 को पहला स्वदेशी सैटेलाइट एसएलवी- 3 लॉन्च किया और 1981 में इसरो का पहला कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च हुआ.
बैलगाड़ी से लाए गए पेलोड
गौरतलब है कि 1981 में इसरो को कम्युनिकेशन सैटेलाइट के लिए एक टेस्ट करना था और पेलोड ले जाने के लिए बैलगाड़ी की मदद लेनी पड़ी थी.
आखिरकार, तीन साल बाद वो मौका आया जब पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री के तौर पर राकेश शर्मा ने 8 दिन स्पेस में बिताए.
भारत ने अपना जीपीएस सिस्टम बनाया
जब कारगिल युद्ध में दुश्मन की लोकेशन का पता लगाने के लिए अमेरिका के जीपीएस की जरूरत पड़ी थी तब अमेरिका ने मदद से साफ इंकार कर दिया और तब हिंदुस्तान ने ठाना था कि वे अब अपना जीपीएस बनाकर रहेगा. भारत समेत दुनिया के चुनिंदा देशों के पास अपना खुद का नेविगेशन सिस्टम है.
भारत का चंद्रयान-1 मिशन
इतना ही नहीं साल 2008 में भारत ने चंद्रयान-1 का मिशन शुरू किया और 25 सितंबर 2009 को भारत ने दुनिया को बताया कि उसने चंद्रमा की सतह पर मौजूद पानी का पता लगाया है. उस वक्त विश्व ने हिंदुस्तान को सलाम किया.
इसरो ने मिशन मार्स लॉन्च किया
2013 में इसरो ने मिशन मार्स लॉन्च किया 24 सितंबर 2014 को भारत इस तरह के अभियान में पहली बार में ही सफल होने वाला इकलौता देश बन गया. इस मिशन के साथ भारत ने दुनिया को ये बता दिया कि किस तरह बेहद कम लागत में बड़े से बड़े मिशन को कामयाब करने में वो सक्षम है.
400 करोड़ में भेजा मंगलयान
मंगल तक जाने पर भारत को प्रति किलोमीटर 7 रुपए का खर्च आया था.आम तौर पर ऑटो का किराया इससे ज्यादा होता है मंगलयान की लागत सिर्फ 400 करोड़ थी. आप सुनकर दंग रह जाएंगे कि चंद्रयान-3 की लागत मिशन इंपासिबल 7 की लागत का सिर्फ एक चौथाई यानि 25 फीसदी है.
4. ‘पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में… ये उपलब्धियां पंडित नेहरू…’, चंद्रयान 3 पर BJP-कांग्रेस में क्रेडिट लेने की होड़, किसने क्या कहा?
Reactions On Chandrayaan 3 Landing: भारत के तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ की बुधवार (23 अगस्त) शाम चंद्र सतह पर हुई सफल सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर राजनीतिक जगत से नेताओं की प्रतिक्रियाएं आई हैं. इसरो की ओर से 14 जुलाई को लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की सफलता का क्रेडिट लेने में बीजेपी और कांग्रेस के बीच होड़ देखी जा रही है.
नेता मिशन को लेकर बधाई संदेश देने के साथ ही इसे अपनी पार्टी के कार्यकाल के कारण संभव हुई उपलब्धि से जोड़कर पेश कर रहे हैं. आइये जानते हैं कि किस नेता ने चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग पर किस तरह प्रतिक्रिया दी.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे क्या बोले?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ”चंद्रयान-3 की सफलता प्रत्येक भारतीय की सामूहिक सफलता है. हम सबके लिए गर्व की बात है. 140 करोड़ भारतीयों ने अपने छह दशक पुराने अंतरिक्ष कार्यक्रम में आज एक और उपलब्धि देखी.”
‘जवाहर लाल नेहरू के विजन का प्रमाण’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”हम अपने वैज्ञानिकों, स्पेस इंजीनियर्स, रिसर्चर्स और इस मिशन को सफल बनाने में शामिल सभी लोगों की लगन, कड़ी मेहनत और समर्पण को सलाम करते हैं.” इसी के साथ अपने बधाई संदेश में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने यह भी कहा, ”ये उपलब्धियां पंडित जवाहर लाल नेहरू के विजन का प्रमाण हैं, जिन्होंने इस बात पर जोर दिया कि साइंटिफिक टेंपर ही एक स्वतंत्र राष्ट्र के विकास की भावना को आगे बढ़ा सकता है.”
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा क्या कुछ बोले?
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ”चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए इस मिशन से जुड़े देश के सभी वैज्ञानिकों को, देश की जनता को हार्दिक बधाई. देश को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए, गौरवान्वित होने के लिए अवसर देने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का भी हार्दिक अभिनंदन, जिनके कुशल नेतृत्व में देश सफलता के नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी अलग अनोखी पहचान बना रहा है. यह आत्मनिर्भर भारत के मंत्र पर खरा उतर रहा है.”
‘यूपीए की सरकार में लॉन्च मिशन की संख्या से दोगुना’
इसी के साथ उन्होंने कहा, ”साल 1969 में अपनी स्थापना के बाद देश की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने उपग्रह को अंतरिक्ष में ले जाने वाले कुल 89 लॉन्च मिशनों को अंजाम दिया है. जिसमें से 47 अंतरिक्ष मिशन नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने 9 सालों में लॉन्च किए हैं. इतने मिशन किसी भी सरकार में लॉन्च नहीं हुए थे. यह यूपीए की सरकार में लॉन्च मिशन की संख्या से दोगुना है.”
भारत चांद पर है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, ”जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो जीवन धन्य हो जाता है. ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्रीय जीवन की चिरंजीव चेतना बन जाती है.”
उन्होंने आगे कहा, ”यह पल अविस्मरणीय है, यह क्षण अभूतपूर्व है, यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है. यह क्षण नए भारत के जयघोष का है. यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है. यह क्षण जीत के चंद्र पथ पर चलने का है. यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है. यह क्षण भारत में नई ऊर्जा, नए विश्वास, नई चेतना का है.’’ वहीं, इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने खुशी बयां करते हुए कहा, ‘‘हमने चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में सफलता हसिल कर ली है. भारत चांद पर है.’’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने क्या कहा?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ”जैसा कि दुनिया चंद्रयान-3 की ओर से अंतरिक्ष में भारत के युग की पटकथा देख रही है, मैं इस मिशन को ऐतिहासिक सफलता बनाने के लिए इसरो और हमारे वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल भारतीय प्रतिभा की शक्ति का प्रमाण है, बल्कि यह अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में उभरने के लिए अमृत काल के माध्यम से भारत की यात्रा की शुरुआत भी करती है, जैसा कि पीएम नरेंद्र मोदी जी ने कल्पना की है.”
‘1962 के बाद से भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम…’- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ”आज की अग्रणी उपलब्धि के लिए टीम इसरो को बधाई. चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग हमारे वैज्ञानिक समुदाय की दशकों की जबरदस्त प्रतिभा और कड़ी मेहनत का नतीजा है. 1962 के बाद से भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम नई ऊंचाइयों को छू रहा है और नए सपने देखने वालों की पीढ़ियों को प्रेरित कर रहा है.”
‘प्रधानमंत्री जी के विजनरी नेतृत्व में…’- योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, ”अंतरिक्ष अनुसंधान में महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर ‘नए आत्मनिर्भर भारत’ के सामर्थ्य और हौसले की नई उड़ान ‘चंद्रयान-3’ की स्वर्णिम सफलता पर हमें गर्व है. आदरणीय प्रधानमंत्री जी के विजनरी नेतृत्व में अर्जित इस उपलब्धि हेतु इसरो की टीम का हार्दिक अभिनंदन! सभी को बधाई! जय हिंद!”
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ये बोलीं
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, ”1962 में शुरू हुए भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने आज चंद्रयान 3 के रूप में एक नई ऊंचाई तय की. पूरा देश आज भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की इस गौरवशाली यात्रा पर गर्व महसूस कर रहा है. सभी देशवासियों के लिए खुशी का क्षण है. सभी वैज्ञानिकों और देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं. जय हिन्द. जय भारत.”
5. Chandrayaan-3 Land: चंद्रयान 3 के चंद्रमा पर पहुंचने के साथ ही क्या रिकॉर्ड बने और क्या टूट गए?
Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने बुधवार (23 अगस्त) को चांद के साउथ पोल पर उतरने में सफलता हासिल कर ली है. इसके साथ ही चांद के इस हिस्से पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया है. इससे पहले कोई भी देश चांद के साउथ पोल पर जाने में सफल नहीं हो पाया.
चंद्रयान की सफल लैंडिंग के बाद भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बन गया है. हालांकि, इनमें से कोई भी देश चंद्रमा के साउथ पोल पर नहीं पहुंच सका है. भारत को तीसरी बार में ही सफलता मिल गई है. इससे पहले भारत 2019 में चंद्रयान-2 लॉन्च किया था. गौरतलब है कि चांद पर जाने का भारत का पहला मिशन चंद्रयान-1 था, लेकिन यह महज एक ऑर्बिटर था, न कि स्पेसक्राफ्ट.
चांद पर सबसे सोवियत यूनियन ने फहराया झंडा
वहीं, सोवियत यूनियन (अब रूस) का लूना 1 स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा तक पहुंचने वाला पहला अंतरिक्ष यान था. यह अंतरिक्ष यान गोले के आकार का था. लूना 1 अंतरिक्ष यान में कोई प्रपल्शन सिस्टम नहीं था. इसके बाद सोवियत यूनियन ने 1959 में चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान और 1961 में अंतरिक्ष में पहला मानव भेजा.
चांद पर पहुंचने वाला दूसरा देश बना अमेरिका
सोवियत यूनियन के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1966 में अपना पहला स्पेसक्राफ्ट सर्वेयर 1 चांद पर भेजा. इसके साथ ही सर्वेयर-1 चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग करने वाला संयुक्त राज्य अमेरिका का पहला अंतरिक्ष यान बना. सतह पर जाने के बाद सर्वेयर 1 ने अपने छह सप्ताह के मिशन के दौरान चांद की 11,100 से अधिक तस्वीरें लीं.
चीन को तीसरी बार में मिली सफलता
वहीं, भारत के पड़ोसी देश चीन ने 2007 में मिशन मून की शुरुआत की. उसने सबसे पहले 2007 चांग’ई-1 मिशन और 2010 में दूसरा मिशन चांग’ई-2 भेजा. हालांकि, ड्रैगन को 2013 में चांग’ई-3 मिशन के जरिए कामयाबी मिली और वह चांद पर स्पेसक्राफ्ट भेजने वाला तीसरा देश बन गया. इसके बाद चीन ने 7 दिसंबर 2018 को चांग’ई-4 मिशन लॉन्च किया गया जो 3 जनवरी 2019 को चांद पर उतरा. चीन का स्पेसक्राफ्ट चांद के पिछले हिस्से में उतरा. चीन ऐसा करने वाला यह पहला और एकमात्र देश बना.
भारत का सबसे किफायती मिशन
इसरो के पूर्व चेयरमैन के सिवन के मुताबिक चंद्रयान-3 की लागत महज 615 करोड़ रुपये है. वहीं, चंद्रयान-2 में का बजट 978 करोड़ के आस-पास था, जबकि भारत पहले मून मिशन पर लगभग 2000 रुपये खर्च हुए थे.
6. चंद्रयान 3 के ऐतिहासिक कदम पर पीएम मोदी, राहुल गांधी, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और अखिलेश यादव समेत अन्य नेताओं ने क्या कहा?
Politicians On Chandrayaan 3 Land: ‘चंद्रयान-3’ के लैंडर मॉड्यूल ‘विक्रम’ ने बुधवार (23 अगस्त) की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचकर भारत का नाम दुनियाभर में रौशन कर दिया. इसे लेकर तमाम राजनेताओं की तरफ से प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.
पीएम मोदी इस वक्त साउथ अफ्रीका की यात्रा पर हैं. इसरो की इस कामयाबी को लेकर उन्होंने साउथ अफ्रीका से ही भारत के लोगों को बधाई दी. उन्होंने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया. उन्होंने कहा कि, “पल भारत का है, इसके लोगों का है. कभी कहा जाता था चंदा मामा बहुत दूर के हैं, अब एक दिन वो भी आएगा जब बच्चे कहा करेंगे चंदा मामा बस एक टूर के हैं.”
राहुल गांधी ने दी इसरो को बधाई
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा आज की इस उपलब्धि के लिए टीम इसरो को बधाई. चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लैंडिंग हमारे वैज्ञानिक समुदाय की दशकों की जबरदस्त प्रतिभा और कड़ी मेहनत का परिणाम है. 1962 के बाद से, भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम नई ऊंचाइयों को छू रहा है और युवा सपने देखने वालों की पीढ़ियों को प्रेरित कर रहा है.

क्या कुछ बोले अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को छूने वाला पहला देश बन गया है. नई अंतरिक्ष यात्रा भारत की खगोलीय महत्वाकांक्षाओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाती है, जिससे यह अंतरिक्ष परियोजनाओं के लिए दुनिया के लॉन्चपैड के रूप में अलग हो जाता है. भारतीय कंपनियों के लिए अंतरिक्ष का प्रवेश द्वार खुलने से हमारे युवाओं के लिए रोजगार के ढेर सारे अवसर पैदा होंगे.

हम सब के लिए गर्व की बात’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि चंद्रयान 3 की सफलता प्रत्येक भारतीय की सामूहिक सफलता है. हम सब के लिए गर्व की बात है. 140 करोड़ भारतीयों ने अपने छह दशक पुराने अंतरिक्ष कार्यक्रम में आज एक और उपलब्धि देखी. हम अपने वैज्ञानिकों और इस मिशन को सफल बनाने में शामिल सभी लोगों की लगन, कड़ी मेहनत, और समर्पण को सलाम करते हैं.
योगी आदित्यनाथ ने जताई खुशी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “अंतरिक्ष अनुसंधान में महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर ‘नए आत्मनिर्भर भारत’ के सामर्थ्य और हौसले की नई उड़ान ‘चंद्रयान-3’ की स्वर्णिम सफलता पर हमें गर्व है. पीएम मोदी के विजनरी नेतृत्व में अर्जित इस उपलब्धि के लिए इसरो की टीम का हार्दिक अभिनंदन. सभी को बधाई.”
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