उत्तरप्रदेश के वाराणासी में स्वर्ण मंदिर के रूप में प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ भारत में 12 ज्योतिर्लिगों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। सन् 1780 में महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा निर्मित यह ज्योतिर्लिंग हिन्दुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। भक्तों का मानना है कि भगवान शिव ने यहां निवास कर सभी को खुशी और मुक्ति प्रदान की थी। इस जगह के बारे में माना जाता है कि प्रलय आने पर भी विश्वनाथ मंदिर डूबेगा नहीं बल्कि ऐसे ही बना रहेगा। इसकी रक्षा करने के लिए खुद भगवान शिव इस जगह को अपने त्रिशूल पर धारण कर लेंगे और प्रलय टल जाने पर काशी को उसकी फिर से जगह दे देंगे।
काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन समय – Kashi Vishwanath Temple Timings In Hindi
विश्वनाथ मंदिर के पट सुबह 2:30 बजे से रात 11 बजे तक खुले रहते हैं। सबसे पहले सुबह 3 बजे से 4 बजे तक मंगल आरती होती है। इसके बाद सुबह 4 बजे से 11 बजे तक ज्योतिर्लिंग के सर्वदर्शन शुरू हो जाते हैं। इसके बाद 11:15 से दोपहर 12:20 तक भोग आरती होती है, जिसके बाद शाम 7 बजे तक ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते हैं। शाम 7 बजे से रात 8:15 तक सांध्य आरती होती है, जिसके बाद रात 9 बजे से 10:15 तक श्रृंगार आरती और 10:30 से 11 बजे तक शयन आरती होती है।
कैसे पहुंचे विश्वनाथ – How To Reach Kashi Vishwanath Temple In Hindi
वाराणासी में कई रेलवे स्टेशन है। जबकि वाराणासी सिटी स्टेशन मंदिर से केवल 2 किमी की दूरी पर स्थित है। वाराणसी जंक्शन 6 किमी दूर है। रेलवे स्टेशन के मेन गेट से आप विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए ऑटो रिक्शा या साइकिल रिक्शा ले सकते हैं। अगर आप फ्लाइट से जाना चाहते हैं तो बाबतपुरा में लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट नजदीक है। यहां से काशी विश्वनाथ मंदिर की दूरी 20-25 किमी है। पर्यटक मंदिर तक पहुचंने के लिए टैक्सी, कैब या सावर्जनिक परिवहन की भी सुविधा ले सकते हैं।
कब जाएं विश्वनाथ मंदिर – Best Time To Visit Kashi Vishwanath Jyotirlinga In Hindi
विश्वनाथ जाने के लिए सर्दियों का समय सबसे अच्छा माना जाता है। गर्मियों में तो यहां भूलकर भी ना जाएं। क्योंकि इस समय यहां का मौसम काफी शुष्क रहता है और तेज धूप के चलते आप सैर नहीं कर सकते। वहीं मानसून में भी अच्छी बारिश होती है इसलिए इस मौसम में भी विश्वनाथ के दर्शन करने जाना अवॉइड करें।
Leave a Reply