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सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात – Gujarat ka Somnath Temple In

गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थिति सोमनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। सोमनाथ मंदिर को पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना गया है। शुरूआत से ही सोमनाथ मंदिर हिंदू धर्म के उत्थान और पतन के इतिहास का प्रतीक रहा है। सोमनाथ देश के सबसे अधिक पूजे जाने वाले तीर्थस्थलों में से एक है।

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की कहानी- Somnath Temple Story In Hindi

सोमनाथ मंदिर की वास्तुकला चालुक्य शैली से मिलती-जुलती है और माना जाता है कि भगवान शिव इस तीर्थ में प्रकाश के एक जलमग्न स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे। शिव पुराण की कहानियों से पता चलता है कि सोमनाथ शिवलिंग की स्थापना स्वयं चंद्रदेव ने की थी। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की कहानी के अनुसार चंद्रमा ने दक्ष प्रजापति की 27 बेटियों से शादी की थी, लेकिन चंद्रमा ने एक पत्नी रोहिणी को छोड़कर बाकी सभी पत्नियों को त्याग दिया, जिसके बाद प्रजापति द्वारा चंद्रमा को क्षय रोग होने का श्राप दिया गया।

इस श्राप से छुटकारा पाने और अपनी खोई हुई चमक और सुंदरता को वापस पाने के लिए इसी जगह पर भगवान शिव की अराधना कर चंद्रमा ने श्राप से मुक्ति पाई थी। कठियावाढ़ क्षेत्र में स्थिति यह शिव मंदिर। विदेशीयो ने 17 बार सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण करके इसे नष्ट करने का प्रयास किया और 16 बार इसे दोबारा बनाया गया।

सोमनाथ मंदिर का इतिहास – Somnath Temple History In Hindi

माना जाता है कि सोमनाथ का पहला मंदिर पूर्व ऐतिहासिक काल से ही मौजूद है। दूसरी बार सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण सिंध के अरब गर्वनर ने नष्ट किया था जिसे यादवा के राजाओं द्वारा पुनर्निमित कराया गया था। गुर्जर राजा नागभट्ट द्वितीय ने लाल पत्थरों से इस मंदिर का निर्माण कराया।

सन् 1024 में गजनी के महमूद ने इसे तोडऩे का प्रयास किया, जिसे फिर से बनवाया गया लेकिन तीन शताब्दियों के बाद एक बार फिर सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की सेना द्वारा सोमनाथ मंदिर को नष्ट कर दिया गया तब सन् 1783 में इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर का निर्माण करवाया, क्योंकि इस प्रसिद्ध मंदिर को मुस्लिमों द्वारा मुस्जिद में तब्दील कर दिया गया था, तब मस्जिद से मंदिर का पुनर्निर्माण कराने का श्रेय रानी अहिल्याबाई को जाता है। सन् 1974 में सरदार वल्लभाई पटेल ने मूल स्थान पर सोमनाथ मंदिर के पुर्ननिर्माण का आदेश दिया और आज जिस सोमनाथ मंदिर को हम देख रहे हैं वह स्वतंत्रता के बाद भारत में निर्मित राजसी संरचना है।

सोमनाथ मंदिर दर्शन समय – Somnath Temple Timings In Hindi

सोमनाथ मंदिर के दर्शन हर दिन सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक होते है। सुबह 7 बजे, दोपहर 12 बजे और शाम को 7 बजे यहां सोमनाथ महादेव नी आरती होती है। यहां हर शाम सोमनाथ मंदिर मै लाइट एंउ साउंड शो दिखाया जाता है। शाम की आरती के बाद यहां टिकट मिलना शुरू हो जाते हैं। ये शो हर रोज रात 8 से 9 बजे के बीच दिखाया जाता है। मंदिर के भीतर प्रसाद काउंटर पर सोमनाथ मंदिर लाइट एंउ साउंड शो के टिकट उपलब्ध होते हैं। बता दें कि सोमनाथ मंदिर लाइट एंउ साउंड शो के लिए कोई एडवांस बुकिंग नहीं होती। ध्यान रखें कि इस शो के दौरान आप अपना बैग, चाबी, कैमरा या फोन साथ नहीं ले जा सकते।

सोमनाथ कैसे पहुंचे – How To Reach Somnath Temple In Hindi

ऐसी बहुत कम ट्रेन है जो आप को सीधे सोमनाथ पहुचाये। ज्यादातर ट्रेन सोमनाथ के नजदीक 7 किमी की दूरी पर स्थित वेरावल स्टेशन है वहां रूक जाती हैं। अगर आपके शहर से वेरावल के लिए भी कोई ट्रेन न मिले तो अच्छा ऑप्शन है अहमदाबाद जाना। यहां से आपको सोमनाथ के लिए ट्रेन मिल जाएगी। बता दें कि सोमनाथ स्टेशन से मंदिर की दूरी मात्र 8 किमी की है। सोमनाथ मंदिर पहुचने के लिए आप यहां से ऑटो बुक कर सकते हैं। सोमनाथ के दर्शनीय स्थल को ऑटो के बजाय पैदल देखना ज्यादा बेहतर है। भालका तीर्थ को छोड़कर बाकी के सभी स्थान 1 से 2 किमी के बीच हैं, जिन्हें आप आराम से घूम सकते हैं। भालका तीर्थ के लिए वेरावल वाले ऑटो बुक करें, आप आसपास के सभी तीर्थस्थान घूम लेंगे।

सोमनाथ जाने का सही समय –  Best Time To Visit Somnath Temple Gujarat In Hindi

सोमनाथ मंदिर जाने के लिए अक्टूबर से मार्च तक का समय अच्छा माना जाता है। इन महीनों में यहां का तापमान सहज होता है और दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए भी उपयुक्त होता है।

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