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प्रधानमंत्री-भारत के प्रथम-India 1st Prime Minister

जवाहर लाल नेहरू-Jawahar Lal Neharu

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू थे। जवाहर लाल नेहरू का जन्म 15 अक्टूबर 1889 को पुणे, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था। उन्होंने 1947 से 1964 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में काम किया था। नेहरू ने भारत को अपने स्वतंत्रता के बाद स्थापित किया और भारतीय संविधान को स्थापित किया। उनका नाम भारत के इतिहास में स्थान रखता है और उन्हें भारत के संविधान के रहस्यवादी के रूप में जाना जाता है।जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भारत की समाज, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में बहुत सारे काम किये। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में बहुत सारे काम किये, जैसे कि सब्जी और फसलों को बेचने के लिए संस्थान बनाये, समाज को शिक्षा के क्षेत्र में सुधार किये, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किये और समाज को स्वतंत्रता के बाद सुधार किये।

जवाहर लाल नेहरू-राजनीति में योगदान

जवाहर लाल नेहरू का राजनीतिक योगदान सबसे पहले भारत की स्वतंत्रता के समय का है। उन्होंने स्वतंत्रता के समय संकटकालीन स्थिति में संघर्ष किया और स्वतंत्र भारत को स्थापित किया। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद स्थापित संविधान को संसाधित किया जो अब भारत की संवैधानिक आधार है। नेहरू के कार्यकाल के दौरान, भारत को अपने स्वतंत्रता के बाद सुधार किया गया था, और उन्होंने समाज, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में बहुत सारे काम किये।जवाहर लाल नेहरू का राजनीतिक योगदान संविधान के रूप में सीमित नहीं है। उन्होंने भारतीय समाज को स्थानीय स्तर से सुधार किया है, समाज को शिक्षा के क्षेत्र में सुधार किया है, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया है, कृषि के क्षेत्र में काम किया है, और समाज को स्वतंत्रता के बाद सुधार किया है। उन्होंने संविधान से पहले भी संघर्ष किया था और निष्ठावंत रूप से स्वतंत्रता के लिए काम किया था। नेहरू की संवैधानिक दृष्टि और शासन को समर्पित करने की कोशिशें करने के लिए उनको सुखद सम्मान किया जाता है।जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नीतियों को लागू किया गया था, जैसे कि कृषि सुधार, शिक्षा सुधार, स्वास्थ्य सुधार और समाज सुधार. उन्होंने सरकारी परियोजनाओं को शुरू किया जैसे कि कृषि सुधार के लिए कृषि संस्थान, शिक्षा सुधार के लिए शिक्षा के संस्थान, स्वास्थ्य सुधार के लिए स्वास्थ्य के संस्थान, और समाज सुधार के लिए समाज के संस्थान। उन्होंने भी संविधान के अनुसार संघर्ष किया था कि समाज को समानता के संकल्प के साथ सुधार किया जाए।

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