भाग 16: कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध (Article 330-342) Indian Constitution
भारतीय संविधान का भाग 16, अनुच्छेद 330 से 342 तक, कुछ वर्गों जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और आंग्ल-भारतीय समुदाय के लिए विशेष उपबंधों से संबंधित है। यह भाग सामाजिक न्याय और समानता सुनिश्चित करने के लिए सकारात्मक भेदभाव के सिद्धांत पर आधारित है। ये उपबंध इन समुदायों के ऐतिहासिक रूप से वंचित होने और उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हैं।
मुख्य विशेषताएं
- लोकसभा और विधानसभाओं में आरक्षण (अनुच्छेद 330 और 332): यह भाग अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में सीटों के आरक्षण का प्रावधान करता है। यह आरक्षण उनकी जनसंख्या के अनुपात में होता है।
- आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व (अनुच्छेद 331): राष्ट्रपति लोकसभा में दो आंग्ल-भारतीय सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं यदि उनका प्रतिनिधित्व पर्याप्त नहीं है। यह प्रावधान अब समाप्त हो चुका है।
- राज्य विधान परिषदों में आरक्षण (अनुच्छेद 333): यह राज्यपाल को राज्य विधान परिषद में आंग्ल-भारतीय समुदाय के एक सदस्य को मनोनीत करने का अधिकार देता था, यदि उनका प्रतिनिधित्व पर्याप्त नहीं है। यह प्रावधान भी अब समाप्त हो चुका है।
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (अनुच्छेद 338): यह आयोग अनुसूचित जातियों के हितों की रक्षा और उनके उत्थान के लिए कार्य करता है।
- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (अनुच्छेद 338 क): यह आयोग अनुसूचित जनजातियों के हितों की रक्षा और उनके उत्थान के लिए कार्य करता है।
- आंग्ल-भारतीय समुदाय के लिए विशेष आयुक्त (अनुच्छेद 339): राष्ट्रपति आंग्ल-भारतीय समुदाय के सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक उत्थान के लिए एक विशेष आयुक्त की नियुक्ति कर सकते हैं। यह प्रावधान अब समाप्त हो चुका है।
- अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए प्रशासन में पदों का आरक्षण (अनुच्छेद 335): यह अनुच्छेद सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण का प्रावधान करता है।
- अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के लिए विशेष उपबंध (अनुच्छेद 339-342): ये अनुच्छेद अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन के लिए विशेष प्रावधान करते हैं।
उद्देश्य (Objective)
यह भाग सामाजिक समावेश और समानता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह वंचित समुदायों को सशक्त बनाने और उन्हें राष्ट्रीय विकास की मुख्यधारा में लाने में मदद करता है।
चुनौतियाँ (Challenges)
- आरक्षण नीति की प्रभावशीलता और इसके
- कार्यान्वयन में चुनौतियाँ हैं।
- आरक्षण के दायरे और अवधि पर बहस जारी है।
निष्कर्ष (Conclusion)
भाग 16 सामाजिक न्याय और समानता के लिए संविधान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह वंचित समुदायों के उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है, लेकिन इसके कार्यान्वयन और प्रभावशीलता पर निरंतर समीक्षा और सुधार की आवश्यकता है।
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