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भाग 14क अधिकरण – Tribunal (Article 323क-323ख) Indian Constitution

भाग 14क: अधिकरण – Tribunal (Article 323क-323ख) Indian constitution

भारतीय संविधान का भाग 14क, जिसमें अनुच्छेद 323क और 323ख शामिल हैं, प्रशासनिक और अन्य मामलों के लिए अधिकरणों की स्थापना का प्रावधान करता है। यह भाग 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।

Article 323क: प्रशासनिक अधिकरण (Administrative Tribunal)

  • यह अनुच्छेद संसद को कानून बनाकर प्रशासनिक अधिकरणों की स्थापना का अधिकार देता है।
  • इन अधिकरणों का उद्देश्य संघ, राज्य, स्थानीय या अन्य प्राधिकरणों के कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तों से संबंधित विवादों और शिकायतों का निपटारा करना है।
  • यह न्यायपालिका पर बोझ कम करने और विशेषज्ञता के साथ त्वरित न्याय प्रदान करने में मदद करता है।

Article 323ख: अन्य मामलों के लिए अधिकरण (Tribunal for other matters)

  • यह अनुच्छेद संबंधित विधानमंडल (संसद या राज्य विधानमंडल) को कानून बनाकर अन्य मामलों के लिए अधिकरणों की स्थापना का अधिकार देता है।
    इसमें कराधान, भूमि सुधार, विदेशी मुद्रा,
  • आयात-निर्यात, औद्योगिक और श्रम विवाद जैसे विषय शामिल हो सकते हैं।
  • अनुच्छेद 323ख के तहत स्थापित अधिकरणों का अधिकार क्षेत्र संबंधित विधानमंडल द्वारा निर्धारित किया जाता है।

महत्वपूर्ण बिंदु (Important points)

  • अधिकरणों की स्थापना का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाना और त्वरित न्याय प्रदान करना है।
  • ये अधिकरण विशेषज्ञ निकाय होते हैं जो विशिष्ट क्षेत्रों से संबंधित मामलों का निपटारा करते हैं।
  • अधिकरणों के निर्णयों की न्यायिक समीक्षा उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की जा सकती है।

उदाहरण (Example)

  • केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) अनुच्छेद 323क के तहत स्थापित एक प्रशासनिक अधिकरण है।
  • आयकर अपीलीय अधिकरण, सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय अधिकरण अनुच्छेद 323ख के तहत स्थापित अधिकरणों के उदाहरण हैं।

सुप्रीम कोर्ट का स्पष्टीकरण (Supreme Court’s clarification)

सर्वोच्च न्यायालय ने 2010 में स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 323ख के तहत निर्दिष्ट विषय सीमित नहीं हैं, और विधानमंडल संविधान की सातवीं अनुसूची में निर्दिष्ट अपने अधिकार क्षेत्र के तहत किसी भी विषय पर अधिकरण बना सकते हैं। यह अधिकरणों की स्थापना के संबंध में विधायिकाओं को व्यापक शक्तियां प्रदान करता है।

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