भाग 12: वित्त, संपत्ति, अनुबंध और वाद (Article 264-300क) Indian Constitution
भारतीय संविधान का भाग 12 वित्त, संपत्ति, संविदाओं और वादों से संबंधित प्रावधानों को निर्धारित करता है। यह केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संबंधों को नियंत्रित करता है और संपत्ति के अधिकार, संविदाओं और वादों से संबंधित विभिन्न पहलुओं को संबोधित करता है।
मुख्य विशेषताएं (Main characteristics)
- राज्यों की कर लगाने की शक्ति (अनुच्छेद 265): यह अनुच्छेद दोहरा कराधान से बचाता है। संघ और राज्य दोनों एक ही विषय पर कर नहीं लगा सकते हैं।
वस्तुओं और सेवाओं पर कर (GST) - अनुच्छेद 269A): यह अनुच्छेद वस्तुओं और सेवाओं पर कर (GST) से संबंधित है, जो एक अप्रत्यक्ष कर है जो भारत में अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है।
केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व का बंटवारा - (अनुच्छेद 266-279): ये अनुच्छेद केंद्र और राज्यों के बीच कर राजस्व के बंटवारे के तंत्र को निर्धारित करते हैं। वित्त आयोग द्वारा सिफारिशें की जाती हैं।
भारत की संचित निधि - (अनुच्छेद 277): सभी सरकारी राजस्व, उधार और ऋण इस निधि में जमा किए जाते हैं।
आकस्मिकता निधि - (अनुच्छेद 267): यह निधि अप्रत्याशित व्यय को पूरा करने के लिए बनाई गई है।
राज्यों द्वारा उधार लेना - (अनुच्छेद 293): यह अनुच्छेद राज्यों द्वारा उधार लेने की शर्तों को निर्धारित करता है।
संपत्ति का अधिकार - (अनुच्छेद 300A): यह अनुच्छेद संपत्ति के अधिकार को एक कानूनी अधिकार के रूप में मान्यता देता है, हालांकि यह अब एक मौलिक अधिकार नहीं है।
संविदाएँ और वाद - (अनुच्छेद 299-300): ये अनुच्छेद भारत सरकार या किसी राज्य सरकार द्वारा बनाई गई संविदाओं और वादों से संबंधित हैं।
महत्व (Importance)
भाग 12 भारत के संघीय ढांचे के सुचारू संचालन के लिए महत्वपूर्ण है। यह केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संबंधों को नियंत्रित करके और संपत्ति के अधिकार, संविदाओं और वादों से संबंधित प्रावधानों को निर्धारित करके वित्तीय स्थिरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
मुख्य मुद्दे और चुनौतियाँ (Key Issues and Challenges)
- केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व बंटवारे में असंतुलन: कुछ राज्य केंद्र से अधिक वित्तीय स्वायत्तता की मांग करते हैं।
- GST का कार्यान्वयन: GST के कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियाँ हैं, जैसे कि विभिन्न राज्यों के बीच समन्वय और अनुपालन सुनिश्चित करना।
- सार्वजनिक ऋण: केंद्र और राज्यों दोनों का सार्वजनिक ऋण बढ़ रहा है, जो एक चिंता का विषय है।
यह विश्लेषण भाग 12 के प्रमुख पहलुओं का एक संक्षिप्त अवलोकन प्रदान करता है। अधिक विस्तृत जानकारी के लिए, आप संविधान के मूल पाठ और संबंधित टिप्पणियों का उल्लेख कर सकते हैं।
- भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों के रैंक (Police Ranks)
- भाग 22 संक्षिप्त शीर्षक, प्रारंभ और निरसन (Article 393-395)
- भाग 21।अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध (Article 369-392)
- भाग 20 संविधान का संशोधन – Amendment of the Constitution (Article 368)
- अयोध्या राम मंदिर: प्रण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ (11 जनवरी 2025) – एक विश्लेषण
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